अश्वगंधा जिसे भारतीय जिनसेंग या विंटर चेरी के रूप में भी जाना जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण हर्बल दवा है। अश्वगंधा को इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें घोड़े के पसीने जैसी गंध आती है ।
ऐसा लगता है कि कई अध्ययन अश्वगंधा और टेस्टोस्टेरोन के स्तर के बीच संबंध पाते हैं । 150 पुरुषों पर एक अध्ययन किया गया था, जिनमें से 75 प्रजनन क्षमता के मुद्दों का सामना कर रहे थे। अध्ययन में पाया गया कि अश्वगंधा के नियमित उपयोग से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार होता है। जो इन पुरुषों में स्पर्म (Sperm) काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अश्वगंधा की खुराक का उपयोग आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। अश्वगंधा के दो मुख्य भाग जिनका उपयोग पूरक बनाने में किया जाता है , पौधे के ऊपर जड़ और बेरी होते हैं जिसमें ये तत्व होते हैं।
कई हैं अश्वगंधा पूरक रों फास्ट एंड ऊपर अश्वगंधा की तरह बाजार में उपलब्ध। पूरक का 1 टैब प्रतिदिन किसी भी भोजन के बाद पानी के साथ लिया जा सकता है। इससे अश्वगंधा के सारे फायदे मिलेंगे।
कई अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा के अन्य लाभ भी हैं जैसे मांसपेशियों की ताकत और द्रव्यमान बढ़ाना। अपने टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ावा देने के लिए अश्वगंधा पूरक लेना विचार करने योग्य है।